मंगलवार, 25 जुलाई 2017

करवा चौथ के व्रत की पूजा विधि


करवा चौथ का व्रत स्त्रियो का मुख्य त्योहार है। यह व्रत सुहागन महिलाये अपने पति की दीर्घायु के लिए करती है। करवा चौथ का व्रत  कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सुहागन स्त्रियो द्वारा किया जाता है। यह व्रत हर विवाहित महिला अपने रिवाजो के अनुसार रखती है और अपने जीवन साथी की अच्छी सेहत तथा अच्छी उम्र की प्रार्थना भगवान से करती है। आज कल यह व्रत कुवारी लडकिया भी अच्छे पति की प्राप्ति के लिए रखती है|


करवा चौथ व्रत की पूजा विधि:

करवा चौथ व्रत की पूजा को करते वक़्त एक पटे पर जल से भरा लोटा एवं एक करवे मे गेहु भरकर रखते है। इस दिन पूजन के लिए दीवार पर या कागज पर चंद्रमा तथा उसके नीचे भगवान शिव और कार्तिकेय की प्रतिमा बनाई जाती है और इसी प्रतिमा की पूजा स्त्रियो द्वारा की जाती है। इस दिन महिलाये सारा दिन व्रत रखती है, यहा तक की वे जल और फल भी ग्रहण नहीं करती। दिन भर की कठोर तपस्या के बाद जब रात्री मे चंद्रमा के दर्शन होते है, तब चंद्रमा की पूजा के बाद यह व्रत पूर्ण होता है। करवा चौथ व्रत मे रात्री की पूजा मे चंद्रमा को अर्द्ध देना, महत्वपूर्ण है| हर वो स्त्री जो व्रत करती है वो चंद्रमा को अर्द्ध जरूर देती है और फिर व्रत पूर्ण होता है। अब अपने व्रत को पूर्ण कर स्त्रिया रात्री मे जल तथा भोजन गृहण करती है।

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