गुरुवार, 7 अक्टूबर 2021

माँ दुर्गा की आरती

 

दुर्गा माँ की आरती














जय अम्बे  गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।

तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥


मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।

उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥


कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।

रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥


केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।

सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥


कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।

कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥


शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती ।

धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥


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चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे ।

मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥


ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी ।

आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥


चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों ।

बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥


तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता,

भक्तन की दुख हरता । सुख संपति करता ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥


भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी ।

मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥


कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।

श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥


श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे ।

कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥


जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।



बुधवार, 6 अक्टूबर 2021

आपके घर भी आयेंगी देवी माँ इस तरह करें तैयारी

 इस बार नवरात्रि में देवी माँ को घर बुलाने के लिए इस तरह करें तैयारी















नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा नौ दिनों के लिए पृथ्वी पर रहने के लिए आती हैं। माना जाता है कि नवरात्रि में मां की आराधना से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। नवरात्रि का पहला दिन चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा का दिन होता है। इसी दिन हिंदू नववर्ष का भी प्रारंभ होता है। चैत्र नवरात्रि को बसंत नवरात्रि नाम से भी जाना जाता है। नवरात्र की तैयारियों में इन बातों का ध्यान अवश्य रखें।
नवरात्रि में घर की सफाई अच्छे से करें। मां का चित्र दक्षिण दिशा में लगाएं। मां दुर्गा की नई मूर्ति घर लाएं और यह मिट्टी की बनी हो। नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है। 

माता की पूजा के लिए स्टील के सामान का प्रयोग करें। प्लास्टिक के सामान प्रयोग न करें। मां की चुनरी और अन्य सामान के लिए काले और नीले रंग का प्रयोग न करें। लाल और पीला रंग शुभ है। देवी मां की मूर्ति के दोनों ओर सिंदूर से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। नवरात्र में मां की कृपा से आत्मबल, सही कर्म करने की शक्ति, सही कर्म का ज्ञान प्राप्त होता है। ध्यान रखें कि माता की पूजा करते समय हमारा मुख दक्षिण या पूर्व दिशा में ही रहे। पूर्व दिशा की ओर मुख कर मां का ध्यान करने से चेतना जागृत होती है। दक्षिण दिशा की ओर मुख कर पूजन करने से मानसिक शांति मिलती है। 

कलश स्थापना की तैयारी पहले कर लें। मिट्टी का कलश, मिट्टी का कटोरा और साफ मिट्टी लाएं। देवी मां के लिए आसन की व्यवस्था करें। बाजार से लकड़ी की छोटी चौकी लाएं। उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछा दें। अखंड ज्योति के लिए मिट्टी का दिया या पीतल का बड़ा दीपक, बाती और शुद्ध देशी घी लाएं। चुनरी के साथ सुहाग का सामान सिंदूर, नारियल, फल, पंचमेवा ले आएं। लाल चूड़ियां, मेहंदी, कुमकुम भी अर्पित कर सकते हैं। नवरात्र के नौ दिनों में मां को भोग लगाकर प्रसाद बांटें।
नवमी वाले दिन 9 कन्याएँ जो रजस्वरा ना हों यानी 8 वर्ष तक की कन्याएँ को जिमाकर (भोजन कराकर) नवरात्रि के व्रतों का उध्यापंन करना चाहिए! इससे देवी माँ प्रसन्न होती हैं! 

शुक्रवार, 20 अगस्त 2021

राखी पर यें सवधानियाँ अवश्य रखें नहीं तो हो सकता है अपशकुन

राखी पर ये सावधानियाँ अवश्य रखें...




 बहनो से #निवेदन - अपने भाई को सूखे-नारियल गोले से मत बांधिये राखी...वरना अनर्थ होगा राखी बांधते समय अपने भाई का हाथ भरा हुआ हो, तो ही राखी बांधी जाती है यह परम्परा है। इसलिये बहने अपने भाई के हाथ में नारियल रखती हैं, भाई नारियल पकड़ता है और बहन राखी बांधती है

✊✊ हाथ भरा होने के पीछे यह कामना रहती है कि भाई के हाथ में सदैव लक्ष्मी बनी रहे। इसी कारण उसके हाथ में ‘‘श्री’’ फल अर्थात नारियल रखा जाता है। 💵💸 कुछ लोगों के यहॉ केले, मिठाई अथवा सूखे नारियल गोले भी रखे जाने लगे हैं- यह पूर्णत: गलत है। ❌❌❌❌ 👉आप कहेंगे कि यह परम्परा है - तो समझ लीजिये यह परम्परा भूल-वश चालू हो गई है जिसे तत्काल सुधार लेना चाहिये। 😳😳 😮 👩👩👩 कौन बहन चाहती है कि उसके भाई के हाथ सूखे रह जायें- यदि बहन नहीं चाहती है तो उसेअपने भाई के हाथ में ‘‘जलयुक्त श्रीफल ही रखकर राखी बांधना चाहिये।’’

 🙋‍♂️🏵🏵🏵 👉 और भाईयों को भी ध्यान रखना चाहिये कि वह श्रीफल से ही राखी बंधवायें। 😳😳😳😳😳😳😳😳😳😳 👉 रोचक जानकारी - परम्परा यह है कि शादी-शुदा बहने जब मायके आती हैं तो भाई के लिये नारियल और भाभी के लिये सूखा-गोला लाती है जिसे उनकी झोली में डालती हैं। कालांतर में इस सूखे गोले से कुछ बहनों ने गलती करते हुए भाईयों को राखी बांधना शुरु कर दी। जबकि यह सूखा गोला सिर्फ भाभी के लिये होता है। भाई के हाथ में श्रीफल ही रखा जाता है ?? ☺️☺️☺️☺️ 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇




 क्या सावधानियाँ रखनी है-

 1. राखी श्रीफल नारियल से ही बंधवानी है, सूखे गोले से नहीं। ☺️ 

2. नारियल नहीं है तो सिर्फ धन अर्थात कुछ रुपये हाथ में रखकर भी राखी बंधवा सकते हैं लेकिन इसके अलावा कुछ नहीं रखना चाहिये। परिस्थितिजन्य अक्षत मतलब बिना टूटे साबूत चावल भी रखे जा सकते हैं। ☺️

 3. एक ही श्रीफल से पूरे परिवार के लोग राखी बंधवा सकते हैं, इसलिये अलग-अलग श्रीफल नही खरीदना चाहिये ।☺️ 

4. भाई को बहनों से कुछ लेना नहीं चाहिऐ इस मान्यता के अनुसार श्रीफल भी भाई अपने पास नहीं रखते सिर्फ हाथ में रखकर राखी बंधवाते हैं। वह श्रीफल बहन का ही होता है। ☺️ 

5. बहनों को प्रयास करना चाहिऐ कि वह अपने हाथ से रेशमी धागे की राखी बनाकर अपने भाई को बांधे। रेशम के धागा आसानी से बाजार में मिल जाता है। राखी कोई दिखावे की वस्तु नहीं है, वह मर्यादा और शक्ति का प्रतीक है, इसलिये इसमें तडक़-भडक़-चमक की जरुरत नहीं है। हॉ बाजारु राखी सिर्फ बच्चों का मन बहलाने का माध्यम है। 

यदि आप भाई को चाहती हैं तो रेशम की डोर ही बांधे। ☺️☺️☺️ 👉 और विशेष रूप से सभी से निवेदन है कि यह हमारा सनातन पर्व है, इसे शालीनता से मनाये, जबरन दिखावे और खर्च से बचें। दो दिन पूर्व एक नवयुवक जिसका वेतन 8 हजार रुपये महिना है, अनेक किराना दुकानों पर सिर्फ इसलिये सूखे नारियल गोले के भाव पूछ रहा था कि उसे कहीं से सस्ता मिल जाये... उसे 3-4 किलो गोले खरीदना थे। 😮 वो जबरन ही गलत धारणा के कारण परेशान हो रहा था। यह स्थिति अनेक परिवारों और भाई-बहनों के साथ आती है।

 😮😲😧😮😲😧 👉 मिठाई को लेकर भी सावधान रहे - पहला प्रयास बहने अपने हाथ से कोई मिठाई बनाये नहीं बना सके तो हलुवा बना ले। बहुत मजबूरी में ही बाजार से मिठाई लायें...क्योंकि यह प्यार का पर्व है ??? 🙋‍♂️ भाई, अपनी बहन को स्पष्ट कहे कि खुद मिठाई बनाकर लाना, बाजार की नहीं होना चाहिये 👩 बहन, अपने भाई को स्पष्ट कहे कि सिर्फ स्नेह और प्यार दे रुपये से राखी को ना तौले। आईये हम सब मिलकर इस महापर्व को व्यवस्थित रूप से मनायें, रक्षा पर्व की शुभकामनाएं 👏👏👏